1.1 यह क्या है ?
पुराना असामन्य नयूट्रोफिलिक डर्मेटोसिस के साथ लिपॉडिस्ट्राफी और उच्च तापमान ( कैंडल) एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी है | अतीत के साहित्य में बीमारी को नकोजो, निशिमुरा सिड्रोम या जापानिस ऑटोइन्फ्लामेट्री सिड्रोम के साथ लिपॉडिस्ट्राफी (JASL) या जोड़ आंकुचन मांसपेशियों का क्षय होना, माइक्रोसिटीक एनीमिया और पेंनिक्यूलिटिस से प्रेरित बचपन शुरूआती लिपॉडिस्ट्राफी के रूप में उल्लेख किया गया है | प्रभावित बच्चों को बार-बार बुखार आता है, कई दिनों, हफ्तों तक त्वचीय अभिव्यक्तियों से पीड़ित होते हैं और घाव भर जाने पर परप्युरिक निशान, मांसपेशी क्षय, प्रगतिशील लिपॉडिस्ट्राफी, जोड़ों का दर्द और आंकुचन छोड़ जाते है | यदि इस बीमारी का ईलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर विकलांगता और मौत का कारण हो सकती है |
1.2 यह कितना आम है ?
कैंडल एक दुर्लभ बीमारी है | वर्तमान में लगभग 60 मामले साहित्य में उल्लेखित किया गया है, लेकिन अन्य ऐसे मामले भी है जिनके पहचान अभी नहीं हुई है |
1.3 क्या यह आनुवांशिक है ?
इस की रोग ऑटोसोमल रिसेसिव (AR) बीमारी के रूप में आनुवन्शिकता मिलती है, जिसका अर्थ यह है की महिला या पुरुष से जुड़ा नहीं है और न ही माता-पिता में इनके लक्षण दिखाई देते हैं | इस तरह के संचरण का अर्थ है कि CANDLE (कैंडल) होने के लिए एक व्यक्ति में दो उत्परिवर्तित जीन, एक माँ से और दुसरा पिता से होना चाहिए, इसलिए दोनों माता-पिता वाहक होते हैं (एक वाहक में केवल एक उत्परिवर्तित प्रतिलिपि होती है, लेकिन बीमारी नहीं) और न की रोगी | माता-पिता जिनके पास कैंडल वाला बच्चा है, उनमें दुसरे बच्चे को भी कैंडल होने का 25% खतरा होता है | प्रसव पूर्व पहचान संभव है |
1.4 मेरे बच्चे को यह बीमारी क्यों है ? क्या इसकी रोकथाम संभव है ?
बच्चे का यह बीमारी इसलिए है क्योंकि वह उत्परिवर्तित जीन के साथ पैदा हुआ है |
1.5 क्या यह संक्रामक रोग है ?
नहीं, यह संक्रामक रोग नहीं है |
1.6 इस रोग के मुख्य लक्षण क्या है ?
रोग की शुरुवात जन्म के बाद पहले दो सप्ताह से छ: माह के मध्य होती है | बाल आयु में इसके प्रमुख लक्षण बुखार का बार-बार आना एवं त्वचा में लाल रंग के गोल चकत्ते जो कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक रहते है और उसके बाद लाल या जमुनी चकत्तों के रूप में बच जाते है | चेहरे में पाये जाने वाले महत्वपूर्ण लक्षणों में पलकों में नीलापन एवं सूजन और मोटे होंठ शामिल है |
परिधीय लिपॉडिस्ट्राफी (मुख्य रूप से चेहरे एवं ऊपरी अंगों में) आम तौर पर देर से बचपन में दिखाई देता है, लगभग सभी रोगियों में पाया जाता है एवं अक्सर विकास में विलंभ होता है |
अधिकांश रोगियों में जोड़ों का दर्द बिना जोड़ों में सूजन के पाया जाता है | लम्बे समय के बाद जोड़ों में संकीर्णता उत्पन्न हो जाती है | अन्य कम दिखने वाले लक्षणों में नेत्रश्लेष्मशोध, नोड्युलर, एपिस्क्लेरीटिस, कान एवं नाक कोनड्राईटिस एवं ऐसेप्टिक मैनिंजाइटिस (मस्तिष्क ज्वर) के मामले शामिल है | लिपॉडिस्ट्राफी प्रगतिशील एवं अपरिवर्तनीय है |
1.7 संभावित समस्यायें क्या-क्या है ?
शिशु एवं युवा बच्चो के लीवर के आकर में निरंतर वृद्धि एवं शरीर के वसा और मांसपेशियों के भार में निरंतर कमी आती है | अन्य समस्याएं जैसे ह्रदय के मांसपेशियों में फैलाव, ह्रदय गति में अनियमितता एवं जोड़ों में संकुचन जैसी समस्याएं भविष्य में पायी जाती है |
1.8 क्या यह बीमारी सभी बच्चों में एकसमान होती है ?
सभी प्रभावित बच्चो को गंभीर रूप से बीमार होने संभावना अधिक होती है | हालाकि सभी ग्रसित बच्चो में लक्षण एकसमान नहीं होते, यहाँ तक की परिवार में भी सभी प्रभावित बच्चे एकसमान बीमार नहीं होते |
1.9 क्या यह बीमारी बच्चों में वयस्कों से अलग होती हैं ?
बीमारी के बढते चरण में रोग के लक्षण बच्चों में, वयस्कों की तुलना में थोड़े अलग पाये गए है | बच्चों में प्रमुख लक्षण बुखार का बार-बार आना, शारीरिक विकास में रूकावट, चेहरे के विशेष लक्षण एवं त्वचा के लक्षण देखने को मिलते है | मांसपेशियों का क्षय, जोड़ो में संकुचन एवं परिधीय वसा का क्षय होना शिशु अवस्था में देर से या बाल अवस्था में पाया जाता है | वयस्कों में ह्रदय गति में अनियमितता और ह्रदय के मांसपेशियों में फैलाव हो सकता है |
2.1 इसकी पहचान कैसे होती है ?
सबसे पहले इन लक्षणों को देखकर बीमारी का संदेह होना चाहिए | कैंडल की बीमारी अनुवांशिक जांच से ही साबित हो सकती है | कैंडल के निदान की पुष्टि की जाती है, अगर रोगी में 2 उत्परिवर्तन होते हैं, प्रत्येक माता-पिता से एक | यह अनुवांशिक जाँच हर तृतीयक देखभाल केंद्र में उपलब्ध नहीं है |
2.2 जाँच का क्या महत्व है ?
खून की जाँच में ESR, CRP, CBC और फिब्रिनोजन की जाती है जो की शरीर में सुजन व खून की कमी को निर्धारित करते है | लिवर प्रभावित हो रहा है कि नहीं इसके लिए लिवर के एंजाइम की जांच कराना चाहिए |
यदि जांच का परिणाम सामान्य या सामान्य के आसपास हो तो भी यह समय-समय पर करना चाहिए | अनुवांशिक जांच के लिए भी खून की थोड़ी सी मात्रा की आवश्यकता होती है |
2.3 क्या इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है या ठीक किया जा सकता है ?
कैंडल एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसका संपूर्ण इलाज संभव नहीं है |
2.4 इसका इलाज क्या है ?
इस बीमारी का प्रभावशील चिकित्सकीय ईलाज संभव नहीं है | उच्च मात्रा में स्टेरॉइड (1-2 मिग्रा./किग्रा./दिन) देने से कुछ लक्षण जैसे त्वचा के दाने, बुखार और जोड़ो का दर्द में सुधार दिखते है, किन्तु मात्रा कम करने पर यह वापस दिखाई पड़ते है | ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर अल्फ़ा (TNF-Alpha) अवरोधक और IL-1 (anakirna) कुछ समय के लिए आराम दे सकते है, पर कुछ मरीजों में बढ़ा भी सकते है | प्रतिरक्षातंत्र को कम करने वाली दवा
टॉसिलिज़ुम्ब का प्रभाव सीमीत है | JAK काईनेस अवरोधक के प्रभाव की खोज अभी जारी है |
2.5 दवा के दुष्प्रभाव क्या हो सकते है ?
कोर्तिकोस्टेरोइड्स के साथ वजन का बढ़ना, चेहरे पर सुजन, और मिजाज का बदलना जैसे दुष्प्रभाव हो सकते है | यदि स्टेरॉयड को लम्बे समत तक दिया गया तो, ये विकास में बाधक, ऑस्टियोपोरोसिस, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के दमन का कारन बन सकता है |
TNF-α अवरोधक नई दवाएं है, उनके उपयोग से संक्रमण का खतरा, TB का सक्रिय होन न्यूरोलॉजिकल या अन्य प्रतिरक्षा रोगों के होने की अत्यधिक जोखिम हो सकती है |
कैंसर होने का संभावित खतरा भी बताया गया है | वर्तमान में, ऐसा कोई भी आंकड़ा नहीं है, जो इन दवाओं के साथ बढ़े हुए खतरों को साबित करता है |
2.6 इसका इलाज कितने समय तक चलना चाहिए ?
इस बीमारी का इलाज जीवन भर चलता रहता है |
2.7 अपरम्परागत या पुरक चिकित्सा के बारे में क्या है ?
कैंडल सिंड्रोम के लिए इस प्रकार की चिकित्सा के बारे में कोई सबुत नही है |
2.8 इसके लिए किस प्रकार की आवधिक जांच की आवश्यकता है ?
बच्चो को नियमित (वर्ष में तीन बार) बच्चों के रियुमेटोलोगिस्ट रोग के नियंत्रण के लिए निगरानी में रखकर चिकित्सा उपचार को समायोजित करना चाहिए | इलाज किये जा रहे बच्चो में खून और पेशाब की जाँच कम से कम दो बार वार्षिक होना चाहिए |
2.9 बीमारी कब तक रहेगी ?
कैंडल एक जीवन भर की बीमारी है, हलाकि बीमारी की गतिविधि में समय के साथ उतार-चढ़ाव हो सकते है |
2.10 बीमारी की दीर्घावधि पूर्वानुमान (पूर्वानुमानित परिणाम और चरण) क्या है ?
आयु संभाविता से समझौता किया जा सकता है, मृत्यु बहुत सारे अंगो में सुजन आने के कारण होती है | जीवन की गुर्नवत्ता काफी हद्द तक प्रभावित होती है, जिसमे रोगियों की गतिविधि कम हो जाती है, बुखार, दर्द और बार-बार अत्यधिक सुजन हो सकता है |
2.11 क्या यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है ?
नहीं, क्योंकि यह एक अनुवांशिक बीमारी है |
3.1 यह बीमार मरीज और उसके परिवार की दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करता है ?
इस बीमारी का पहचान होने से पहले बच्चे और परिवार को प्रमुख समस्यओं का सामना करना पड़ता है |
कुछ बच्चों को अस्थि (हड्डीयों) विकृतियों से जूझना पड़ता है, जो सामन्य गतिविधियों के साथ गंभीर रूप से हस्तछेप कर सकते है |
एक अन्य समस्या मनोवैज्ञानिक बोझ जीवन में लम्बे समय तक इलाज का हो सकता है | रोगी एवं माता-पिता को कार्यक्रमों के द्वारा शिक्षित करने से इस समस्या को हल कर सकते है |
3.2 विद्यालय के बारे में क्या है ?
पुरानी बिमारियों वाले बच्चों में शिक्षा जारी रखना आवश्यक है| कुछ करक है जो विद्यालय की उपस्थिति के लिए समस्याएं पैदा कर सकते है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षकों के द्वारा बच्चों की संभावित आवश्यकताओं को समझा जाये | माता – पिता और शिक्षकों के बच्चे जो कुछ भी करना चाहते है, उन्हें सामान्य रूप से विद्यालय की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देनी चाहिए, न केवल बच्चों को अकदामिक सफल होने क लिए बल्कि वयस्कों दोनों की सराहना कि जानी चाहिए | प्रोफेशनल दुनिया में भविष्य के एकीकरण युवा रोगियों क लिए आवश्यक है और लम्बे समय से बीमार रोगियों की देखभाल के उद्देश्य में से एक है |
3.3 खेलकूद के बारे में क्या है ?
खेलना किसी भी बच्चे के दैनिक जिंदगी का एक अनिवार्य पहलु है | चिकित्सा के उद्देश्य में से एक, बच्चो के सामान्य जीवन को यथा संभव अधिक सामान्य करने की अनुमति देना है और स्वयं को अपने साथियों से अलग नहीं समझना है | इसलिए सभी गतिविधियों को सहन किया जाता है, हलाकि गंभीर चरणों के दौरान सीमित शारीरिक गतिविधि या आराम आवश्यक हो सकता है |
3.4 आहार के बारे में क्या है ?
इसके लिए कोई विशिष्ट आहार नही है |
3.5 क्या जलवायु रोग के प्रभाव को प्रभावित कर सकता है ?
जहां तक हम जानते है, जलवायु बीमारी के चरण को प्रभावित नहीं कर सकता है |
3.6 क्या बच्चे को टीका लगाया जा सकता है ?
हाँ, बच्चे को टीका लगाया जा सकता है, हलाकि माता-पिता को जीन अन्तिनुएतेत टीका के लिए इलाज कर रहे चिकित्सक से संपर्क करने की आवश्यकता है |
3.7 यौन जीवन, गर्भावस्था, जन्म नियंत्रण के बारे में क्या है ?
अब तक, वयस्क रोगियों में इस पहलु पर कोई जानकारी साहित्य में उपलब्ध नहीं है | एक सामान्य नियम के रूप में, अन्य आटोफ़्लोमेटरी बीमारियों के साथ भ्रूण पर जीवविज्ञान करक के संभव दुस्प्रभावो के कारण पहले से उपचार को अनुकूलित करने के लिए गर्भावस्था की योजना करना बेहतर है |