टरैप्स या फैमीलीयल हिबरनीयन बुखार 


के संस्करण 2016
diagnosis
treatment
causes
TNF Receptor Associated Periodic Syndrome (TRAPS)
टरैप्स या फैमीलीयल हिबरनीयन बुखार
यह एक सूजन की बीमारी है जिमसे बारम्बार दो से तीन सप्ताह की अवधि के तेज़ बुखार के प्रकरण होते है। बुखार के साथ अन्य लक्षण जैसे पेट में दर्द, उल्टी, दस्त), त्वचा पर दर्दनाक लाल चकत्ते, मांसपेशियों में दर्द और आंखों के आसपास सूजन हो सकते हैं। आगे चलकर गुर्दों पर भी प्रभान आ सकता है। यह बिमारी परिवार में कई सदस्यों को प्रभावित कर सकती है। 1
evidence-based
consensus opinion
2016
PRINTO PReS
1. टरैप्स क्‍या है ?
2. निदान और इलाज
3. रोजमर्रा की जिंदगी



1. टरैप्स क्‍या है ?

1.1 यह क्‍या है ?
यह एक सूजन की बीमारी है जिमसे बारम्बार दो से तीन सप्ताह की अवधि के तेज़ बुखार के प्रकरण होते है। बुखार के साथ अन्य लक्षण जैसे पेट में दर्द, उल्टी, दस्त), त्वचा पर दर्दनाक लाल चकत्ते, मांसपेशियों में दर्द और आंखों के आसपास सूजन हो सकते हैं। आगे चलकर गुर्दों पर भी प्रभान आ सकता है। यह बिमारी परिवार में कई सदस्यों को प्रभावित कर सकती है।

1.2 यह रोग कितना आम है?
टरैप्स एक दुर्लभ बीमारी मानी जाती है लेकिन यह लड़के एवं लड़कियों दोनों में सामान रूप से आम है। सामान्यता यह बिमारी बचपन से ही शुरू हो जाती है परन्तु कुछ मरीजों में व्यसक अवस्था में शुरूआत देखी गई है।
यह रोग पहली बार आयरिश स्कॉटिश मूल के रोगियों में देखा गया है इसके इलाव; फ्रांस, इटली, सैफारड़िक और ऐश्कनाजी यहूदी, आर्मीनियाई, अरब और मघरेब से कबीलयायी आबादियों में देखा गया है।
इस बिमारी पर मौसम और जलवायु का प्रभाव नहीं देखा गया है।

1.3 इस रोग के कारण क्या हैं?
यह एक आनुवांसिक बिमारी है, जिसमें एक प्रकार प्रोटीन (टीएनएफआरआई) में विसंगती पाई जाती है जिसके कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली असमान्य तरीके से ज्यादा हो जाती है।

1.4 क्या यह विरासत में मिलती है?
टरैप्स एक आटोसोमल डोमीनेन्ट आनुवांशिक रोग है इस प्रकार की आनुवांशिकता में माता पिता में से जिसमें विसंगत टीएनएफआरआई जीन होती है उससे बच्चे को बिमारी आ सकती है। इसलिएक एक प्रभावित माता-पिता के प्रतिएक बच्चे में संचरण खतरा 50% होता है। नये सिरे से उत्परिवर्तन भी हो सकता है ऐसे मामलों में न तो माता-जिता को बिमारी होती है न ही उनके जीन में खराबी होती है, ऐसी अवस्था में जीन विघटन गर्भादान के दौरान ही होता है। इस अवस्था में दूसरे बच्चे को बिमारी होनी की संभावना को आंका नही जा सकता है।

1.5 मेरे बच्चे को यह बीमारी क्यों है? क्या इसे रोका जा सकता है?
यह एक आनुवांशिक बिमारी है। वर्तमान में इस बीमारी से बचने का कोई उपाय नहीं है।

1.6 क्या यह संक्रामक है?
यह एक संक्रामक बीमारी नहीं है। केवल आनुवंशिक रूप से प्रभावित व्यक्ति में ही बीमारी होती है।

1.7 मुख्य लक्षण क्या हैं?
मुख्य लक्षण बारम्बार बुखार जिसके इपीसोड आमतौर पर दो से तीन सप्ताह तक होते है, लेकिन कभी कबार कम या लंबी अवधि का बुखार भी होता है। इन इपीसोड के साथ कंपकंपी छूटना एवं शरीर व बाजुओं की मांसपेशीयों में तीव्र दर्द की शिकायत होती है। इसमें प्रारुपी त्वचा के चकते लाल रंग के एवं दर्दनाक होते हैं जोकि त्वचा ओर मासपेशियों की अंतर्हिन सुजने के साथ होते है।
अधिकांश रोगियों में शुरुआत में मासपेशियों में गहरी ऐठन की अनुभूति होती है जो की धीरे धीरे तीव्रता में बढ़ती जाती है और अंगों के अन्य भागों में फैलती है, एवं इसके बाद त्वचा पर चकते आ जाते हैं। मतली और उल्टी के आने के साथ पेट में दर्द फैलना आम है। आंख की कंजाक्तिवा में सुजन या आँखों के आस-पाम सुजन टरैप्स का एक विशेष लक्षण है हालांकि यह लक्षण अन्य बीमारियों में भी हो सकता है। फेफड़ों (प्लयुरीटिस का रोग) और ह्रदय (पैरीकार्डियम) में सुजने के कारण छाती में दर्द हो सकता है।
कुछ रोगियों को विशेष रूप से वयस्कता में, एक अस्थिर और पुरानी बीमारी होती है जिसमें पेट में दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, आंखों में सुजन जोकि बुखार के साथ या उसके बिना हो सकते हैं। इसके इलावा जांच जोकि इन्फलामेसन को दर्शाते हैं, वो बढें हो सकते हैं। एमाइलोडोसिस एक गंभीर उलझन है जोकि 14% मरीजों में हो सकती है। एमाइलोडोसिस में सीरम एमीलोइड ए शरीर के विभिन्न उत्तकों में जमा हो जाता है। सीरम एमीलोइड ए के गुर्दों में जमने के कारण में मूत्र में प्रोटीन का नुकसान होता है एवं अंत्तया गुर्दे फेल हो जाते हैं।

1.8 क्या यह रोग हर बच्चे में एक जैसा ही होता है?
टरैप्स के लक्षण, इपीसोड की अवधि और लक्षण मुक्त अवधि हर बच्चे में अलग-अलग हो सकती है। मुख्य लक्षण भी भिन्न हो सकते हैं। यह लक्षणों का अंतर आनुवांशिक कारकों से समझा जा सकता है।


2. निदान और इलाज

2.1 इसका निदान कैसे होता है?
एक विशेषज्ञ चिकित्सक नैदानिक लक्षणों, शारीरिक परीक्षा और एक परिवार की चिकित्सा के इतिहास के आधार पर टरैप्स की संभावना व्यकत करेगा।
कई रक्त विश्लेषण इनफलामेसन का पता लगाने के लिए उपयोगी होते हैं। एक निश्चित निदान केवल आनुवांशिक विश्लेषण द्वारा ही पुष्टि किया जा सकता है।
विभेदक निदान में संक्रमण, कैंसर और अन्य क्रोनिक बिमारियों जैसे कि पारिवारिक भूमध्य बुखार और मेवैलोनेट काइनेज कमी (MKD) है।

2.2 किन जांचो की जरूरत है?
प्रयोगशाला परीक्षण टरैप्स के निदान में महत्वपूर्ण हैं। इपीसोड के दौरान जांचे जैसे कि एरिथ्रोसाइट अवसादन दर (ESR), सीआरपी, सीरम एमीलोइड ए प्रोटीन (SAA), पूरे रक्त गणना और फाइब्रिनोजेन महत्वपूर्ण हैं। बच्चों के लक्षण मुक्त होने के बाद इन परीक्षणों को यह देखने के लिए दोहराया जाता है कि वह सामान्य हो रह हैं या नहीं।
मूत्र का एक नमूना भी प्रोटीन और लाल रक्त कोशिकाओं की उपस्थिति के लिए परीक्षण किया जाता है। इपीसोड के दौरान अस्थायी परिवर्तन हो सकता है। जबकि एमैलायडोसिस के मरीजों में मूत्र परीक्षण में प्रोटीन का स्तर लगातार रहता है।
टीएनएफआरआई जीन की आणविक विश्लेषण विशेष आनुवंशिक प्रयोगशालाओं में किया जाता है।

2.3 उपचार क्या हैं?
इस बीमारी को रोकने या जड़ से खत्म करने लिए वर्तमान में कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। नान-सटीरायडल एंटी इनफलामेटरी दवाएं जैसे कि ब्रुफैन, नेपरोक्सेन या इंडोमेथासिन) लक्षणों को कम करने में सहायक है। उच्च खुराक स्टेरायड) अक्सर प्रभावी रहते हैं, लेकिन निरंतर उपयोग गंभीर साइड इफेक्ट कर सकता है। एन्टी.टी.एन.एफ. रीसेप्टर बलाकेड दवा (इटानेरसेप्ट)0 बुखार के इपीसोड कम करने में कारगार है। इसके विपरीत, टी.एन.एफ. के खिलाफ मोनोकलोनल एंटी बाडी के उपयोग से बीमारी बढ़ जाती है। हाल ही में टरैप्स के कुछ बच्चों में साइटोकाइन अवरुद्ध दवा (आईएल 1) कारगार साबित हुई है।

2.4 ड्रग थेरेपी के दुष्प्रभाव क्या हैं?
दुस्प्रभाव उपर्युक्त दवा पर निर्भर करते हैं। एनएसएआईडी सिर दर्द, पेट के अल्सर और गुर्दे की क्षति को जन्म दे सकते हैं। स्टेरायड और जैविक दवाएं (TNF और आईएल 1 ब्लॉकर्स) के साथ संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, स्टेरायड के साथ अनेक दुस्प्रभाव हो सकते हैं।

2.5 उपचार कब तक चलना चाहिए?
विरोधी TNF और विरोधी आईएल -1 उपचार के रोगीयों की संख्या कम होने के कारण, यह पुरी तरह सपष्ट नहीं है कि यह प्रत्येक नए बुखार के इपीसोड के दौरान देना चाहिए या लगातार चलते रहना चाहिए।

2.6 अपरंपरागत या पूरक चिकित्सा के बारे में क्या?
प्रभावी पूरक उपचार का कोई प्रकाशित रिपोर्ट उपलब्द्ध नहीं है।

2.7 समय-समय पर किस तरह की जांच आवश्यक हैं?
मरीजों के इलाज के दौरान रक्त और मूत्र परीक्षण कम से कम हर 2-3 महीने होनी चाहिए।

2.8 बीमारी कितनी लम्बी चलती है?
हालांकि बुखार के इपीसोड उम्र के साथ तीव्रता में कम हो सकते हैं और बीमारी क्रोनिक हो जाती है टरैप्स एक जीवन भर का रोग है। दुर्भाग्य से एमाइलोडोसिस को रोका नहीं जा सकता है।

2.9 यह पूरी तरह से ठीक करने के लिए संभव है?
नहीं, क्योंकि टरैप्स एक आनुवांशिक बीमारी है।


3. रोजमर्रा की जिंदगी

3.1 कैसे यह रोग बच्चे और परिवार के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है?
लगातार और लंबे समय तक चलने वाले इपीसोड सामान्य पारिवारिक जीवन को बाधित करते हैं और माता-पिता या मरीज की नौकरी के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं। वहाँ अक्सर काफी देरी से निदान के कारण, माता-पिता की चिंता और अनावश्यक चिकित्सा प्रक्रियाओं को बढ़ा सकता है।

3.2 स्कूल के बारे में क्या?
लगातार इपीसोड के कारण स्कूल में उपस्थिति के साथ समस्याएं आती हैं। प्रभावी उपचार के साथ, स्कूल अनुपस्थिति लगातार कम हो जाती है। शिक्षकों को बीमारी और अटैके के दौरान क्या करना चाहिए इसके बारे में सूचित करना आवश्यक है।

3.3 खेल के बारे में क्या?
खेल के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि मैच और प्रशिक्षण सत्र में लगातार अनुपस्थिति खेल में भाग लेने में बाधा कर सकती है।

3.4 आहार के बारे में क्या?
इसके लिए कोई विशेष आहार नहीं है।

3.5 क्या वातावरण से इस रोग पर कोई असर हो सकता है?
नहीं, ये नहीं हो सकता।

3.6 क्या बच्चे को टीकाकरण कराया जा सकता है?
हाँ, बच्चे का टीकाकरण कराया जाना चाहिए, भले ही इससे बुखार के इपीसोड उत्तेजित हो सकते है। विशेष रूप से, अगर आपके बच्चे का स्टेरायड या जैविक दवा के साथ इलाज किया जा रहा है तो टीकाकरण संभावित संक्रमण के खिलाफ रक्षा के लिए सहायक है।

3.7 क्या यौन जीवन, गर्भधारण और गर्भनिरोध रोग से प्रभावित होते हैं।
टरैप्स के साथ मरीजों को सामान्य यौन गतिविधि का आनंद मिल सकता है और अपने बच्चे पैदा कर सकते हैं। तथापि उनको यह पता रहना चाहिए कि उनके बच्चों में यही रोग होने की संभावना 50% है। परिवार को इस बारे में जैनेटिक परामर्श देना चाहिए।


 
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